5 राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 का आज तेलंगाना राज्य में वोटिंग हो रही है। इससे पहले 7 नवंबर से 25 नवंबर तक मिजोरम,छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद आज 30 नम्बर को तेलंगाना में वोटिंग हुआ। एग्जिट पोल मतदान समाप्त होने के बाद जारी किये जायेंगे। 3 दिसम्बर को सभी राज्यों के नतीजे घोषित किये जायेंगे।
Exit poll का मतलब क्या होता है ?
आज शाम को बिभिन्न न्यूज़ चैनल और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किये जायेंगे। अब ये एग्जिट पोल कैसे निकाले जाते हैं ये विस्तार से जान लीजिये – दरअसल जहाँ मतदान होता है वहां पोलिंग बूथ के बाहर अलग-अलग सर्वे एजेंसियां और न्यूज़ चैनल वाले मौजूद होते हैं। जब वोटर अपना वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो ये उनसे पूछते हैं। आपने किसको वोट दिया, किसको नहीं ?। बस इसी आधार पर हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से हर वोटर से ये सवाल पूछा जाता है। लाखों वोटरों के जवाबों को एकत्रित करके ये आंकड़ा निकाला जाता है जिससे ये अंदाजा लगाया जाता है कि पब्लिक किस पार्टी कि तरफ जा रही है और किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती है।
एग्जिट पोल का सर्वे २५-३० हजार से ५० हजार या इससे भी अधिक वोटरों से बातचीत होती है। इसमें छेत्र के हर वर्ग को शामिल किया जाता है।
एग्जिट पोल मतदान होने के तुरंत बाद करवाया जाता है।एग्जिट पोल में सिर्फ उन्ही लोगों को शामिल किया जाता है जो अपना वोट देकर पोलोंग बूथ से बाहर निकलते हैं इसीलिए इस पोल को काफी हद तक निर्णायक मन जाता है।
Opinion Poll का मतलब क्या होता है ?
ओपिनियन पोल किसी भी चुनाव से पहले कराया जाता है। इसमें सभी लोग का ओपिनियन लिया जाता है चाहे वो वोटर हों या न हों। इसमें अलग – अलग छेत्र के प्रमुख मुद्दों के बारे में जनता से राय ली जाती है। किन मुद्दों पे काम हुआ, किन मुद्दों पे नहीं। कहां जनता खुश है ,कहां नाराज़। इससे जनता का मूड पता चलता है।
एक सच्चाई ये भी हैं कि एग्जिट पोल हमेशा सही या सटीक नहीं होता है। ऐसा भारत में कई बार हुआ कि जो एग्जिट पोल ने बताया वो गलत साबित हुआ। अतीत में कई बार एग्जिट पोल के नतीजे सच साबित नहीं हुए हैं।
Exit Poll के बारे में प्रमुख जानकारी
•15 फ़रवरी 1967 को पहली बार नीदरलैंड के पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम ने एग्जिट पोल कि शुरुआत कि थी। नीदरलैंड में हुए चुनाव में वॉन डैम का एग्जिट पोल बिलकुल सटीक था।
•भारत में एक्सिट पोल की शुरुआत एरिक डी कोस्टा ने की थी जो IIPU (इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन) के प्रमुख थे।
•दूरदर्शन ने 1996 में CSDS (सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज) को पुरे देश में एग्जिट पोल कराने की अनुमति दी थी। तब से एग्जिट पोल देश में अधिक प्रचलित हुआ।
•सन 1988 में पहली बार एग्जिट पोल का प्रसारण किया गया था।
मुख्यतः ये कुछ चैनल और एजेंसी के नाम हैं जो एग्जिट पोल का सर्वे करते हैं-
• सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (CSDS)
• सी-वोटर
• टुडे चाणक्य
• टाइम्स नाउ – (CNX)
• न्यूज़ एक्स-नेता
• इंडिया टुडे – एक्सिस माय इंडिया
• न्यूज़ 18 IPSOS
• रिपब्लिक – जन की बात