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Mokshda Ekadashi 2023 आज मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये तीन काम

Mokshda Ekadashi 2023 आज मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये तीन काम

Mokshda Ekadashi 2023 आज मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये तीन काम

Mokshda Ekadashi 2023 आज मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये तीन काम:- मोक्षदा एकादशी साल 2023 का आखिरी एकादशी है.हिन्दू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 22 दिसंबर 2023 शुक्रवार यानी आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पे शुरू हो चुका है और इसका समापन अगले दिन यानी 23 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर होगा.

मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये तीन काम :-

मोक्षदा एकादशी के दिन अगर आप ये तीन काम करेंगे तो मां लक्ष्मी आप पर कृपा करेंगी। साल के हर महीने में दो बार एकादशी व्रत मनाया जाता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में – प्रत्येक का विशेष महत्त्व है। इस दिन लोग बड़ी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि मोक्ष प्राप्ति के लिए मोक्षदा एकादशी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कहा जाता है कि यह एकादशी मोह-माया तोड़ने वाली होती है। मोक्षदा एकादशी के दिन श्रीहरि की पूजा को समर्पित है।
कहा जाता है कि इसी दिन द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने कुरूक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि इस दिन कुछ विशेष अनुष्ठान करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

मोक्षदा एकादशी के दिन ये उपाय करें:

1. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा वाले स्थान पर चौकी पे पीला कपडा बिछाकर भगवान
विष्णु और भगवान श्री कृष्ण की स्थापना करें. फिर लाल या पीले कपडे में श्रीमद्भगवद गीता को लपेट कर स्थापना करें. अब फल और मिठाई के साथ पंचामृत चढ़ाकर मन्त्रों का जाप करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु तुरंत प्रसन्न होते हैं।

2. मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने और जल्दी स्नान करने की प्रथा है। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। शाम के समय मंत्र पढ़ने, धूपबत्ती जलाने और दीपक जलाने की प्रथा है। इससे देवी लक्ष्मी का अनोखा आकर्षण बरकरार रहता है।

3. एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी की पूजा के बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन और दान देना चाहिए। इसके अलावा व्रत तोड़ने के लिए भोजन का सेवन करना चाहिए। इस दिन दान देने वाले दानकर्ता कभी संकट में नहीं पड़ते। इस दिन अनाज का दान अत्यंत सौभाग्यशाली माना जाता है। दक्षिणा और दान के बाद व्रत खोलना चाहिए।

Disclaimer:- यहां पर उपलब्ध की सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. thehinditoday.com किसी भी तरह की मान्यता व जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें.

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