Indian Flag : Republic Day 2024 बदलते भारत की बदलता राष्ट्रध्वज, जानिए तिरंगे की कहानी

Indian Flag : Republic Day 2024 बदलते भारत की बदलता राष्ट्रध्वज, जानिए तिरंगे की कहानी
22 जुलाई 1947 को फाइनली भारत को अपना राष्ट्रीय ध्वज मिला जो चौथे झंडे में थोड़े बदलाव के बाद अपनाया गया था। वर्त्तमान झंडे में चरखे की जगह सम्राट अशोक के धर्मचक्र को लगाया गया है. 22 जुलाई 1947 को राजेंद्र प्रसाद की अगुआई में एक कमेटी के द्वारा भारतीय संविधान की बैठक में आधिकारिक मान्यता देते हुए इस झंडे को राष्ट्रीय ध्वज एक रुप में अपनाया गया था. आइये जानते हैं विस्तार से देश के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में –

Indian Flag : Republic Day 2024 बदलते भारत की बदलता राष्ट्रध्वज, जानिए तिरंगे की कहानी
Indian Flag : Republic Day 2024 बदलते भारत की बदलता राष्ट्रध्वज, जानिए तिरंगे की कहानी

Indian Flag बदलते भारत का बदलता राष्ट्रध्वज, जानिए तिरंगे की कहानी, Republic Day 2024 : 26 जनवरी सन 1950 को भारत का अपना संविधान मिला था। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस बार देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस दिन राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक देश के बिभिन्न प्रांतो की झाकियां निकाली जाती हैं जिसमे अलग-अलग प्रदेश की अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है. इस परेड में सेना के तीनों अंगों, थल सेना, जल सेना और वायु सेना की झाकियों का प्रदर्शन देखने लायक होता है. इस परेड को देख कर हर भारतीय का सीना चौड़ा हो जाता है. इस दिन राष्ट्रपति द्वारा देश के राष्ट्रीयध्वज तिरंगे का ध्वजारोहण किया जाता है। आज हम इसी तिरंगे झंडे के इतिहास के बारें में आपको बताएंगे कि आखिर कब और कितनी बार बदलाव के बाद हमें आज ये राष्ट्रीयध्वज मिला है. तो चलिए जानते हैं –

देश का 1st राष्ट्रीय ध्वज: 7 अगस्त 1906 कोलकाता के पारसी बागान चौक में फहराया गया था. इस झंडे में तीन रंग हरा, पीला और लाल रंग की तीन पट्टिया थी जिसमे बीच में ‘वन्देमातरम’ लिखा हुआ था. इस झंडे में कमल का फूल और चाँद-सूरज को बनाया गया था।

देश का 2nd राष्ट्रीय ध्वज: देश का पहला झंडा ज्यादे समय तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं रहा, अगले ही साल 1907 में देश को दूसरा राष्ट्रीय ध्वज मिला. भारत से निर्वासित मैडम कामा और उनके कुछ क्रांतिकारियों ने ये राष्ट्रीय ध्वज 1907 में पेरिस में फहराया था। इस राष्ट्रीय ध्वज में भी तीन रंग की पट्टियां बनी हुई थी जिसमे केसरिया, हरा और पीला रंग था और इस झंडे को बाद में बर्लिन में आयोजित एक समारोह में भी फहराया गया था।

देश का 3rd राष्ट्रीय ध्वज: भारत को तीसरा झंडा 1917 को मिला. डॉ एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक एक आंदोलन के दौरान 1917 में इस ध्वज को फहराया था. इस ध्वज में 9 रंग की पट्टियां बनी हुई थी जिसमे 4 हरे रंग की पट्टी और 5 लाल रंग की पट्टी बनी हुई थी. इस झंडे में सप्तऋषि,आधा चाँद और सितारे भी बने हुए थे साथ में एक कोने में यूनियन जैक भी बनाया गया था।

देश का 4th राष्ट्रीय ध्वज: देश को चौथा राष्ट्रीय ध्वज 1921 में मिला। देश को चौथा राष्ट्रीय ध्वज मिला जो आंध्र प्रदेश के बेजवाड़ा (विजयवाड़ा) में एक सम्मलेन के दौरान महात्मा गांधी को पिंगली वेंकैया ने दिया था। इसमें दो रंग थे हरा और लाल जो कि भारत के दो समुदायों हिन्दू और मुसलमान की एकता को दर्शाता था। फिर महात्मा गांधी ने इसमें बदलाव करते हुए एक और सफेद रंग को जोड़ा जो भारत के अन्य समुदायों को दर्शाता है और इसके साथ झंडे के बीच में देश की प्रगति का चिन्ह चरखे को जोड़ने की सलाह दी।

देश का 5th राष्ट्रीय ध्वज: देश को पांचवा राष्ट्रीय ध्वज 1931 में मिला। इस बार इस झंडे में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा रंग शामिल था. चौथे झंडे की तरह इस झंडे में भी चरखा बना हुआ था। इंडियन नेशनल कांग्रेस ने इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी थी।

तिरंगा कब बना देश का राष्ट्रीय ध्वज ?

Indian Flag : 22 जुलाई 1947 को फाइनली भारत को अपना राष्ट्रीय ध्वज मिला जो चौथे झंडे में थोड़े बदलाव के बाद अपनाया गया था। वर्त्तमान झंडे में चरखे की जगह सम्राट अशोक के धर्मचक्र को लगाया गया है. 22 जुलाई 1947 को राजेंद्र प्रसाद की अगुआई में एक कमेटी के द्वारा भारतीय संविधान की बैठक में आधिकारिक मान्यता देते हुए इस झंडे को राष्ट्रीय ध्वज एक रुप में अपनाया गया था. पहले इस झंडे को स्वराज ध्वज कहा जाता था जो बाद में राष्ट्रीय ध्वज का रुप ले लिया. इस तरह करीब 45 साल लग गए देश के राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण में।

यह भी पढ़ें – Ayodhya Ramlala Dress : भगवान राम के लिए 1985 से अबतक 5000 वस्त्र सिल चुका है ये परिवार

Spread the love

Leave a Comment

कद्दू के बीज रोज खाने से दूर होती हैं कई बीमारियां भारत का ‘स्कॉटलैंड’ है ‘कूर्ग ‘ यहां की यात्रा एक न भूलने वाला अनुभव है तुलसी दिवस पर माँ लक्ष्मी की करें पूजा धन की होगी बरसात