दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर जिसमे 20,000 लोग एक साथ बैठ कर योग और ध्यान कर सकते हैं वो अब बन कर तैयार हो गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 18 दिसंबर को इस मंदिर का उद्घाटन किया। swarved mahamandir, varanasi के चौबेपुर के उमरहा में बन कर तैयार हुआ है। इस मंदिर का आकार कमल के फूल की तरह है. मंदिर की दीवारों पर 4000 दोहे लिखे गए हैं। आइये जानते हैं आखिर क्या खासियत है ‘swarved mahamandir, varanasi’ का…
दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर ‘स्वर्वेद मंदिर’ की खासियत
स्वर्वेद महामंदिर को बनने में करीब 19 वर्ष का समय लगा. 2004 में इस मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था और 2023 के अंत तक ये पूरा हो गया और इस महामंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर दिया गया है। आपको बता दें की इस मंदिर में किसी भगवान की नहीं बल्कि योग और साधना की पूजा होगी। swarved mahamandir varanasi city से 12 किलोमीटर दूर उमरहा में स्थित है. सात मंजिलों वाला यह मंदिर 125 पंखुड़ियों वाले कमल के गुम्बद से सुसज्जित है। मंदिर के अंदर 101 फव्वारे भी लगे है जो देखने में बेहद ही खूबसूरत लगते हैं।स्वर्वेद मंदिर के दीवारों में गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 4000 दोहे लिखे गए हैं।बाहरी दीवारों पर रामायण, महाभारत, उपनिषद और भगवत गीता के चित्र बनाये गए हैं। 7 मंजिला वाले इस मंदिर के अंदर साधकों के सुविधा के लिए दो कैप्सूल लिफ्ट के अलावा 4 लिफ्ट लगाए गए हैं। हालां कि अभी मंदिर का प्रथम तल ही आम लोगों के लिए खोला गया है बाकी के तल खुलने में अभी कुछ समय और लगेगा।
क्या है ‘स्वर्वेद’ का मतलब
स्वर्वेद मंदिर का नाम दो अक्षरों से मिलकर बना है, ‘स्व:’ यानी की आत्मा और ‘वेद’ का अर्थ है ज्ञान अर्थात स्वयं आत्मा का ज्ञान प्राप्त करना। अथवा आत्मा और परमात्मा का ज्ञान जिसके जरिए हो उसे ही ‘स्वर्वेद’ कहा जाता है.
‘स्वर्वेद’ एक ग्रन्थ है जिसके लेखक संत सदाफल महाराज जी हैं और इन्होने ही विहंगम योग संस्थान की स्थापना की थी। विहंगम योग संस्थान के दुनियाभर में सैकड़ो आश्रम हैं इसमें swarved mahamandir varanasi सबसे बड़ा है। विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज जी 17 वर्षो तक हिमालय में स्थित आश्रमों में गहन साधना करके आत्मज्ञान प्राप्त की थी और अपने उस ज्ञान को उन्होंने ग्रथ का रूप दिया जिसे ‘स्वर्वेद’ कहा जाने लगा।
स्वर्वेद मंदिर में सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों को कैसे जड़ से खत्म किया जाये, इसका उल्लेख किया गया है। स्वर्वेद मंदिर के दरवाजे सभी वर्ग-संप्रदाय के लिए खुले हैं। यहां दुनियाभर से कोई भी आ सकता है।

दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर ‘Swarved Mahamandir Varanasi ‘ को बनाने में कितना खर्चा हुआ
स्वर्वेद मंदिर सात मंजिला, 180 फिट ऊंचा और 3 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादे के छेत्र में बना है। इसके निर्माण में 19 साल तक 15 इंजीनियर के अलावा 600 कारीगरों के साथ 200 मजदूरों ने एक साथ काम किया था।19 साल की इनकी ये मेहनत आज स्वर्वेद महामंदिर के रूप में साकार हो चुकी है। मंदिर के कैंपस में 100 फिट ऊंची महाराज की सैंड स्टोन की मूर्ति भी स्थापित की गयी है. जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को बनने में लगभग 100 करोड़ रुपये लगे हैं।
गोरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते कुछ दिनों में ही या यु कहें तो 2 दिन में ही भारत में दो ऐसे इमारतों का उद्घाटन किया जो विश्व में नम्बर 1 हो गयी हैं, पहला है ‘सूरत डायमंड बोर्स’ (SDB) जिसका उद्घाटन 17 दिसम्बर को हुआ, और दूसरा है ‘Swarved Mahamandir Varanasi’ जिसका उद्घाटन आज 18 दिसंबर को हुआ। और इन दोनों उपलब्धियों पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए।