Makar Sankranti’s Khichdi Benefits मकर संक्रांति पर क्यों बनाई जाती है उड़द दाल खिचड़ी : हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्त्व है, ऐसे में नए साल की शुरुआत में आने वाले इस त्योहार पुरे देश में 15 जनवरी को मनाया जायेगा. इस दिन लोग गंगा स्नान करके सूर्य देव की पूजा करते हैं. घरो में इस दिन तिल और गुड़ के लड्डू, मूंगफली, दही चुड़ा और खिचड़ी बनाया जाता है. इस दिन खासतौर पर उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाने की परंपरा होती है इसलिए खिचड़ी का पर्व कहते हैं. कई जगहों पर ये त्योहार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे उत्तरायण, लोहड़ी, पोंगल, मघु संक्रांति, गुड़ी पड़वा, आदि।
Makar Sankranti क्यों मनाया जाता है और इसका महत्त्व क्या है ?
मकर संक्रांति नए साल में आने वाला पहला पर्व होता है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस प्रक्रिया को सूर्य देव का संक्रमण काल कहते हैं. या यूं कह सकते हैं कि सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं.
वैदिक धर्म के अनुसार, Makar Sankranti के दिन खरमास खत्म हो जाता है और इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है जैसे शादी विवाह जैसे अन्य मांगलिक कार्य. इस दिन से ठंड के कम होने की शुरुआत हो जाती है. इस दिन को नए साल के उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन किसान नयी फसल काट के अपने घर लाता है और भगवान को धन्यवाद देता है जिसकी वजह से ये उत्सव जैसा दिन बन जाता है. इस दिन नए चावल से बने खिचड़ी को खाया जाता है. तिल से बने स्वादिष्ट लड्डू का भी सेवन किया जाता है.
इस दिन खिचड़ी क्यों बनता है और इसका महत्त्व क्या है, आइये जानते हैं –
Makar Sankranti’s Khichdi Benefits : इस दिन खिचड़ी क्यों बनाई जाती है इस बारे में हम आपको बताएंगे कि मकर संक्रांति पर क्यों बनाई जाती है उड़द दाल खिचड़ी और क्या होता है इसका धार्मिक महत्त्व।
खिचड़ी का नाम सुनते ही बहोत से लोगों का मुंह बन जाता है, उन्हें लगता है कि ये सिर्फ बीमार लोगों का ही खाना है लेकिन शायद उन्हें ये नहीं पता कि खिचड़ी में गुणों का भंडार होता है यह पोषण से भरपूर होता है जो शरीर को हमेशा ऊर्जावान बनाये रखता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, Makar Sankranti के दिन बनने वाली खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का सीधे ग्रहों से संबंध है. खिचड़ी में सामान्यतः चावल, उड़द की दाल, हल्दी, नमक, सब्जी का इस्तेमाल होता है, जिसमे चावल को चन्द्रमा का प्रतीक, उड़द की दाल को शनि, राहु और केतु का प्रतीक, हल्दी को बृहस्पति का प्रतीक, नमक को शुक्र का प्रतीक, सब्जी को बुध का प्रतीक माना गया है. और गर्म-गर्म खिचड़ी को सूर्य देव का प्रतीक माना गया है तो इस तरह खिचड़ी का संबंध पूरी तरह ग्रहों से जुड़ा है।
खिचड़ी खाने के फायदे
Makar Sankranti’s Khichdi Benefits : क्या आपने कभी सोचा है कि जब कोई बीमार होता है तो डॉक्टर उसे खिचड़ी खाने को क्यों कहता है, इसलिए कि खिचड़ी में मसाला कम होने के साथ इसमें साबुत अनाज होने के कारण खिचड़ी पचाने में आसान होता है और इसमें पाया जाने वाला पोषक तत्व सेहत के दृष्टि से बहोत महत्त्व रखता है.
पोषण का भंडार है खिचड़ी
Makar Sankranti’s Khichdi Benefits : चूँकि खिचड़ी में सिर्फ चावल, दाल और सब्जी का प्रयोग होता है और गेहूं बिल्कुल भी नहीं होता इसलिए ये पूरी तरह ग्लूटेन फ्री होता है जो एक बढ़िया ऑप्शन है।
खिचड़ी में तेल, घी और मसाला कम इस्तेमाल होता है जो कि दिल और लिवर के लिए काफी अच्छा है।
वजन घटाने के लिए खिचड़ी एक हल्का भोजन है और ये आपको लम्बे समय तक भूख नहीं लगने देता जिसकी वजह से शरीर में मेटाबॉलिज्म बेहतर बना रहता है और क्रेविंग्स न के बराबर होती है।
निष्कर्ष : कुलमिलाकर खिचड़ी एक संतुलित आहार है जिसमे प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की बिमारियों को दूर करने में मदद करती है, चाहे वो डायबिटीज हो या हार्ट या लीवर की समस्या. तो आज से ही खिचड़ी को अपने diet में जरूर शामिल करिये।
डिस्क्लेमर : उपरोक्त जानकारी सिर्फ मान्यताओं और प्राप्त जानकारी के आधार पर है, The Hindi Today इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी चीज को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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